आयकर स्लैब – 2025‑26 की पूरी गाइड
जब आप आयकर स्लैब, वित्तीय वर्ष के अनुसार तय की गई कर दरें जो विभिन्न आय समूहों पर लागू होती हैं. Also known as इनकम टैक्स ब्रैकेट्स, यह तय करती है कि आपकी कुल आय पर कितना कर लगना चाहिए। साथ ही आयकर, सरकार द्वारा एकत्र किया गया कुल कर दायित्व आपके प्लानिंग को सीधे प्रभावित करता है, और टैक्स बचत, छूट और डिडक्शन के जरिए कुल कर को घटाने की प्रक्रिया के सही उपाय जानना जरूरी है।
आयकर स्लैब का आधार वित्तीय वर्ष, 12 महीनों का कर काल जो 1 अप्रैल से शुरू होता है होता है। हर वर्ष सरकार नई दरें और छूटें पेश करती है, इसलिए पिछले साल की स्लैब को आज लागू नहीं माना जा सकता। 2025‑26 में तीन प्रमुख ब्रैकेट हैं: 2.5 लाख तक निलंबित, 2.5‑5 लाख पर 5 % कर, और 5 लाख से ऊपर की आय पर 20‑30 % की स्लैब। यह संरचना स्पष्ट करती है कि जैसे‑जैसे आपका टैक्सेबल इनकम बढ़ता है, कर दर भी बढ़ती है। यह “स्लैब‑आधारित कर” मॉडल सुनिश्चित करता है कि कम आय वालों को हल्का बोझ पड़े और उच्च आय वालों से अधिक योगदान हो।
स्लैब को समझना सिर्फ दरें देखना नहीं, बल्कि उपलब्ध छूट और डिडक्शन को भी जानना है। प्रमुख धोरणों में धारा 80C, बचत योजनाओं पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट शामिल है, जो PPF, एलआईसी, एनएससी और जीवन बीमा प्रीमियम जैसे विकल्पों से मिलती है। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा (धारा 80D), शिक्षा ऋण (धारा 80E) और गृह ऋण ब्याज (धारा 24) भी उल्लेखनीय बचत प्रदान करते हैं। इन सभी को सही समय पर छोटे‑छोटे चेक‑लिस्ट की तरह देखना चाहिए, ताकि आप बिना किसी चूक के पूरी बचत ले सकें।
एक बार सालाना आय और बचत तय हो जाए, अगला कदम टैक्स रिटर्न, वित्तीय वर्ष के अंत में आय एवं डिडक्शन का डिजिटल दाखिला भरना है। आईटीआर‑1 से आईटीआर‑4 तक के फॉर्म अलग‑अलग आय स्रोतों के हिसाब से होते हैं, और सही फॉर्म का चयन करने से प्रोसेस तेज़ और त्रुटि‑रहित रहता है। रिटर्न फाइल करते समय पहले आय के सभी स्रोत (वेतन, फ़्रीलांस, किराया, शेयर) को जोड़ें, फिर सब्सिडी और छूट को घटाकर टैक्सेबल इनकम निकालें। अंत में आयकर स्लैब के अनुसार कर की गणना कर चुकाना या रिफंड लेना तय होता है। ऑनलाइन पोर्टल में प्री‑फ़िल विकल्प भी उपलब्ध है, जो पिछले साल की जानकारी को लेकर फ़ॉर्म को भरना आसान बनाता है।
आगे क्या पढ़ेंगे?
अब आप आयकर स्लैब की बुनियादी समझ और बचत के मुख्य साधनों से परिचित हो चुके हैं। नीचे की सूची में हम जो लेख एकत्र किए हैं, वे 2025‑26 के स्लैब में गहराई से उतरते हैं, नवीनतम आयकर नीतियों की समीक्षा करते हैं, और विभिन्न आय समूहों के लिए व्यावहारिक टिप्स देते हैं। पढ़ते‑पढ़ते आप अपनी टैक्स प्लानिंग को और बेहतर बना पाएँगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी, जिसमें कर प्रणाली के सरलीकरण और कर राहत की उम्मीदें कर्मचारी वर्ग और उद्योग जगत की हैं। आयकर स्लैब में बदलाव की मांग भी बढ़ रही है, साथ ही 80सी कटौती की सीमा में सुधार की अपेक्षाएँ हैं। कर प्रणाली को एकीकृत करने और विवादों को हल करने की दिशा में भी ध्यान आकर्षित हो रहा है।