रूस – क्या आप जानते हैं इसकी राजनीति, अर्थव्यवस्था और भारत के साथ संबंध?

जब हम रूस, यूरोप‑एशिया में फैला एक बड़ा संघीय लोकतांत्रिक राज्य, जिसकी आधिकारिक भाषा रूसी है और जिसकी राजधानी मॉस्को है. Russian Federation की बात करते हैं, तो कई जुड़े हुए विषय सामने आते हैं। सबसे पहले रूस की राजनीति, वर्तमान में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में एक मजबूत केंद्रीकृत प्रणाली है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक दल, सुरक्षा एजेंसी और विधायी प्रक्रिया आपस में जुड़ी हैं को समझना जरूरी है। फिर रूस की अर्थव्यवस्था, पेट्रोकेमिकल, सभी प्रमुख ऊर्जा निर्यात, औद्योगिक उत्पादन और आयात‑निर्यात संतुलन पर आधारित है, जो वैश्विक बाजार में गहिरा प्रभाव डालती है का विश्लेषण किया जाता है। इसी तरह रूसी सेना, विश्व की सबसे बड़े सक्रिय बलों में से एक है, जिसमें हैवी आर्टिलरी, एरियल पोवर और साइबर क्षमता शामिल है की ताकत का मूल्यांकन अक्सर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बातचीत में होता है। अंत में रूस-भारत संबंध, ऊर्जा सहयोग, रक्षा समझौते और सांस्कृतिक आदान‑प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को दर्शाते हैं को देखना आवश्यक है।रूस इन सभी क्षेत्रों को आपस में जोड़ता है, जिससे उसका वैश्विक प्रभाव कई पहलुओं में परिलक्षित होता है।

रूस की राजनीति ऊर्जा नीति को सीधे प्रभावित करती है। विदेशी निवेशक अक्सर तेल‑गैस मूल्य में बदलाव को राजनीतिक स्थिरता के संकेतक के रूप में देखते हैं। इसलिए रूस की राजनीति ऊर्जा दावों को आकार देती है – यह पहला सेमेंटिक ट्रिपल है। दूसरा ट्रिपल बताता है कि रूस-भारत व्यापार दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करता है, क्योंकि भारत रूस से ओइल, गैस और एरियल सिस्टम खरीदता है, जबकि रूस को भारतीय फार्मा और टेक्नोलॉजी से लाभ मिलता है। तिसरा ट्रिपल यह दर्शाता है कि रूसी सेना सुरक्षा परिस्थितियों को अंतरराष्ट्रीय राजनयिक निर्णयों से जोड़ती है, जिससे हर निर्णयक कदम में सैन्य क्षमता का वजन रहता है। इन संबंधों को समझने से आप समाचार के पीछे वाले कारणों को सरलता से पकड़ सकते हैं।

रूसी राजनैतिक ढाँचे और उनका वैश्विक असर

रूस की राष्ट्रीय संघीय संरचना में 85 क्षेत्रों के साथ सेंट्रल सरकार की शक्ति प्रमुख है। यह केंद्रित मॉडल कानून निर्माण, न्यायिक प्रक्रिया और मीडिया नियंत्रण में स्पष्टता देता है। प्रमुख राजनीतिक दल – एकत्रित रूस, कम्युनिस्ट पक्ष और लिबरल पार्टी – अपनी-अपनी विचारधारा के आधार पर नीति बनाते हैं, परन्तु राष्ट्रपति की अनुमोदन के बिना कोई बड़ा बदलाव नहीं हो पाता। इस कारण भारत के लिए सुरक्षा कूटनीति, ऊर्जा समझौते और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर वोटिंग पैटर्न में रूस का व्यवहार भविष्य के व्यापार सौदों को प्रभावित करता है।

आर्थिक दृष्टि से देखें तो रूसी अर्थव्यवस्था दो स्तंभों पर टिकती है: ऊर्जा निर्यात और औद्योगिक उत्पादन। पेट्रोलियम कीमतों में उतार‑चढ़ाव के कारण रूसी रूबल का वैल्यू बदलता है, जिससे घरेलू महंगाई, नयी निवेश दर और बेचे जाने वाले तकनीकी उत्पादों की कीमत पर असर पड़ता है। भारत के साथ व्यापार में मुख्य रूप से तेल, गैस, एरियल डिफेन्स सिस्टम और एग्रीकल्चर इनपुट्स का लेन‑देन शामिल है। इस कारण दोनों देशों की आर्थिक नीतियों के तालमेल से रोजगार, मूल्य स्थिरता और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा मिलता है।

रूसी सेना के पास तीन मुख्य क्षमताएँ हैं – पारंपरिक भूमि शक्ति, एरियल डॉमिनेंस और साइबर व ईस्पेस ऑपरेशन्स। इन क्षमताओं का उपयोग भारत के साथ रक्षा सहयोग में भी देखा जाता है, जैसे विमानन, टैंक और ड्रोन्स का निर्यात। जब भारत रूसी हथियार प्रणाली खरीदता है, तो वह अपनी रक्षा जरूरतों को किफायती तरीके से पूरा कर पाता है, जबकि रूस को अपने प्रोडक्ट्स को नए बाजारों में ले जाने का मौका मिलता है। इसलिए सेना, राजनीति और अर्थव्यवस्था आपस में जुड़े हुए हैं, और समझदारी से देखना चाहिए।

रूस-भारत संबंधों को इतिहास के कई एपीसोड्स ने मजबूत किया है। 1971 के लुप्त हो चुके दोस्तों से लेकर 2020 के मध्य‑ऊर्जा समझौते तक, दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को कई बार दोबारा परिभाषित किया है। आज के दौर में इस साझेदारी में ऊर्जा, रक्षा, विज्ञान‑प्रौद्योगिकी, और संस्कृति के पहलुओं को शामिल किया गया है। भारत‑रूस व्यापार सतत्‑विकास के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करता है, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च तकनीकी कृषि और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर सहयोग। यह परिचय आपको उन लेखों की दिशा दिखाता है, जहाँ हमने इन सारे पहलुओं पर गहराई से चर्चा की है।

अब आप जान चुके हैं कि रूस की राजनीति, आर्थिक नीतियाँ, सैन्य क्षमता और भारत के साथ संबंध आपस में कैसे जुड़े हैं। नीचे के लेखों में हम इन विषयों को अलग‑अलग केस स्टडी, आंकड़े और विश्लेषण के साथ विस्तार से देखेंगे, ताकि आप प्रत्येक पहलू को समझ सकें और अपने ज्ञान को वास्तविक समझ में बदल सकें।

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