वीडियो शूटिंग हादसा – कारण, रोकथाम और सुरक्षा उपाय
जब हम वीडियो शूटिंग हादसा, फ़िल्म या टीवी प्रोडक्शन के दौरान सेट पर होने वाली अनपेक्षित दुर्घटनाओं को कहते हैं. Also known as फ़िल्म सेट दुर्घटना, it अक्सर सुरक्षा उपायों में चूक, उपकरणों की खराबी या मानवीय error से जुड़ा होता है। फ़िल्म निर्माण, कहानी को स्क्रीन पर लाने की पूरी प्रक्रिया – प्री‑प्रोडक्शन, शूटिंग और पोस्ट‑प्रोडक्शन में हर चरण के लिए risk assessment जरूरी है। अगर सेफ़्टी प्रोटोकॉल, सेट पर लागू मानक नियम और चेकलिस्ट ठीक से नहीं अपनाए जाएँ तो दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण स्टंट कोऑर्डिनेटर, विशेषज्ञ जो एक्सट्रीम एक्शन सीन की योजना और सुरक्षा देखता है की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। अंत में, सेट सुरक्षा मानक, स्थापित guidelines जैसे PPE, क्रैश डमी और emergency response plans की पालना यह तय करती है कि शॉट सुगम और सुरक्षित रहे। इन चार मुख्य घटकों के बीच आपस में वीडियो शूटिंग हादसा अक्सर सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी से जुड़ा रहता है, प्रोटोकॉल के पालन से जोखिम घटता है, कोऑर्डिनेटर का प्रशिक्षण दुर्घटना रोकता है, और मानक guidelines जोखिम मूल्यांकन को सुनिश्चित करती हैं।
अब बात करते हैं कुछ आम कारणों की जिनसे हादसे होते हैं। सबसे पहले, उपकरणों का सही maintenance न होना – कैमरा रिग, क्रेन या पावर टूल्स में खराबी अचानक गिरावट या बिजली शॉर्ट पैदा कर सकती है। दूसरा, लाइटिंग या धुएँ के उपयोग में ventilation की कमी, जो शूटिंग के दौरान धुँआ या गर्मी के कारण आकस्मिक जलने या हाइपॉक्सिया का कारण बनती है। तीसरा, स्टंट सीन में उपयोगकर्ता सेफ़्टी गियर्स जैसे हार्नेस, helmets या pads नहीं पहनना – एक छोटी चूक भी गंभीर चोटों में बदल सकती है। चौथा, अप्रत्याशित मौसम बदलाव – तेज़ हवाएँ या बारिश अचानक सेट को खतरनाक बना देती हैं, इसलिए weather forecast को लगातार मॉनिटर करना ज़रूरी है। पांचवा, इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की अनुपस्थिति; अगर फर्स्ट‑एड किट या ambulance तुरंत उपलब्ध नहीं है, तो छोटा इंट्रॉशन भी बड़ी समस्या बन सकता है। इन कारणों को समझकर योजना बनाना आसान हो जाता है: equipment checklist, ventilation audit, PPE enforcement, weather contingency और emergency drill सभी कोprodução schedule में शामिल किया जाना चाहिए।
इन उपायों को व्यवहार में लाने के लिए हम कुछ ठोस कदम सुझाते हैं। पहली बार, शूटिंग से पहले एक risk assessment meeting करना चाहिए, जिसमें प्रोडक्शन हेड, स्टंट कोऑर्डिनेटर और safety officer शामिल हों। बैठक में प्रत्येक शॉट के लिए संभावित hazards का मूल्यांकन कर लिखित रूप में action plan बनायें। दूसरा, सभी उपकरणों की तकनीकी जाँच के लिए certified technician रखें और हर दिन equipment log अपडेट करें। तीसरा, सभी crew को बेसिक फर्स्ट‑एड ट्रेनिंग दें और site पर हमेशा एक trained medic रखें। चौथा, PPE को mandatory बनाकर उनके उपयोग की निगरानी रखें, और non‑compliance पर तुरंत corrective action लें। पाँचवा, shooting schedule में buffer time रखें ताकि weather या technical delay के कारण तेज़ी से काम न करना पड़े। अंत में, post‑incident review करना न भूलें; हर छोटी‑मोटी घटना के बाद कौन‑सी गलती हुई, उसे लिखें और अगले प्रोजेक्ट में सुधार के रूप में लागू करें। इन सिद्धांतों को अपनाने से न सिर्फ वीडियो शूटिंग हादसे कम होते हैं, बल्कि टीम का मनोबल और production quality भी बेहतर होती है।
आपके आगे पढ़ने वाले लेखों में हम ने इस टैग से जुड़े कई अहम पहलुओं को कवर किया है – जैसे recent स्टंट दुर्घटनाओं की केस स्टडी, सेट पर first‑aid kits का सही चयन, और भारत में SFD (Set‑Filming‑Department) के नए नियम। यदि आप प्रोडक्शन में हैं या सेट पर काम कर रहे हैं, तो ये गाइडलाइन आपके लिये सीधे-सीधे उपयोगी साबित होंगी। अब आप तैयार हैं, तो नीचे के लेखों में देखें कैसे अलग‑अलग घटनाओं ने सुरक्षा पर नया प्रकाश डाला और कौन‑से अभ्यास आपको सुरक्षित शूटिंग में मदद करेंगे।
मुंबई की सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर अवनी कामदार की मुम्बई में कुंभे झरने पर वीडियो बनाते हुए 300 फुट गहरे खड्ड में गिर जाने से मौत हो गई। वह मानसून के मोके पर अपने सात दोस्तों के साथ घूमने गई थीं। अवनी कामदार सोशल मीडिया पर बहुत ही लोकप्रिय थीं।