तकनीक – क्या नया, क्या बदल रहा है?
जब हम तकनीक, मानव生活 को तेज़, आसान और अधिक जुड़ाव वाला बनाने वाली विज्ञान‑और‑इंजीनियरिंग के उपायों का समूह की बात करते हैं, तो अक्सर हमें सबसे ताज़ा प्रगति की झलक मिलती है। आज के डिजिटल दौर में वॉयस-ओवर तकनीक, कंप्यूटर‑आधारित सिस्टम जो आवाज़ को उत्पन्न, बदल या अनुकूलित करते हैं ने भाषा‑परिवर्तन को एक नए स्तर पर ले जाया है। यही तकनीक AI ट्रांसलेशन को रीयल‑टाइम में संभव बनाती है, जिससे 15‑से‑अधिक भाषाओं में संवाद करना आसान हो गया। साथ ही, आवाज़ क्लोनिंग की बढ़ती क्षमता प्राइवेसी रिस्क को भी नया मोड़ दे रही है; व्यक्तिगत आवाज़ की नकल करके गलत सूचना फैलाने की संभावना बढ़ रही है। इस परिप्रेक्ष्य में तकनीक का स्वरुप सिर्फ नवाचार नहीं, बल्कि सामाजिक ज़िम्मेदारी भी बन गया है।
AI आधारित वॉयस-ओवर तकनीकों ने 15 से अधिक भाषाओं में बोलने, ट्रांसलेट करने और भाव बदलने की क्षमता ला दी है। Camb.ai और Meta जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स अब आवाज़ की पहचान बनाए रखते हुए लाइव ट्रांसलेशन और वॉयस डबिंग संभव कर रहे हैं। हालांकि, आवाज़ क्लोनिंग में प्राइवेसी और सांस्कृतिक गलतफहमी जैसी चुनौतियां भी हैं।