त्योहार

जब बात त्योहार, एक विशेष अवसर पर मनाया जाने वाला सांस्कृतिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम है. इसे अक्सर उत्सव कहा जाता है, जो समुदाय को जोड़ता है और परम्पराओं को जीवित रखता है। भारत में हर राज्य की अपनी पहचान वाला त्योहार होता है, और इनमें से कई मौसमी बदलावों या खगोलीय घटनाओं से जुड़े होते हैं। यही कारण है कि हम लोहड़ी, मकर संक्रांति और कई अन्य मौसमी उत्सवों को एक साथ देखते हैं।

लोहड़ी, मकर संक्रांति और उत्तर भारत की परंपराएँ

लोहड़ी, एक पवित्र अग्नि प्रज्वलन वाला उत्तर भारतीय त्योहार है जो शीतकालीन संक्रांति के बाद मनाया जाता है. यह मुख्य रूप से उत्तर भारत, भारत के उत्तरी भाग में स्थित राज्यों और क्षेत्रों को दर्शाता है के पंजाब और हरियाणा में लोकप्रिय है। लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले आती है, जिससे मकर संक्रांति, सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने की ज्योतिषीय घटना है के साथ सीधी कड़ी बनती है। इस संबंध के कारण लोहड़ी को अक्सर "सूर्य के उदय का प्रतीक" कहा जाता है और यह लंबी रातों के अंत को दर्शाता है।

लोहड़ी की मुख्य रिवाज़ों में प्रज्वलित अग्नि के चारों ओर ग्रीष्मकालीन गीत गाना, सरसों के तेल में से लाडू, गुड़ और सामु दही का सेवन शामिल है। यह परम्परा न केवल मौसम का जश्न मनाती है, बल्कि नवविवाहितों और नवजातों के लिए भाग्य का भी प्रतीक है। इन रस्मों में सामुदायिक भावना को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि लोग मिलजुल कर समानांतर भोजन और खेल में भाग लेते हैं। इसी तरह, मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजियों की भीड़ होती है, जो उत्तर भारत के कई शहरों में लोहड़ी के बाद की उत्सव श्रृंखला को पूरा करती है।

इस श्रेणी में हम आपको लोहड़ी 2025 की तिथि, शुभकामनाएँ और संदेशों के साथ-साथ इस उत्सव के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देंगे। चाहे आप लोहड़ी के धार्मिक महत्व, उसके व्यंजन या इस साल के विशेष आयोजन की तलाश में हों, यहाँ आपको संक्षिप्त, स्पष्ट और अपडेटेड सामग्री मिलेगी। अब आगे स्क्रॉल करके देखें कि हमारे पास इस त्योहार से जुड़ी कौन‑कौन सी रोचक कहानियाँ और उपयोगी टिप्स हैं।

लोहड़ी 2025: त्योहार के शुभकामनाएं, संदेश और उत्सव का जश्न
लोहड़ी 2025: त्योहार के शुभकामनाएं, संदेश और उत्सव का जश्न
Aswin Yoga जनवरी 13, 2025

लोहड़ी, उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार जो खासकर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है, 13 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन शीतकालीन संक्रांति की समाप्ति और लंबे दिनों की शुरुआत होती है। लोहड़ी एक पवित्र अग्नि प्रज्वलन का त्योहार है जो नवविवाहितों और नवजातों के लिए सौभाग्य का प्रतीक होता है। यह मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है।