शेयर बाजार: पूरी समझ और ताज़ा अपडेट
जब आप शेयर बाजार का विश्लेषण शुरू करते हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि यह भारत का इक्विटी मार्केट है जहाँ कंपनियां अपने शेयर सार्वजनिक निवेशकों को पेश करती हैं। यह बाज़ार स्टॉक्स, बॉण्ड, डेरिवेटिव्स और IPO जैसे वित्तीय उपकरणों का लेन‑देन मंच है और अक्सर इसे इक्विटी मार्केट भी कहा जाता है। मुख्य घटक जैसे IPO, नया सार्वजनिक पेशकश जिसमें कंपनी पहली बार शेयर इश्यू करती है और स्टॉक, कंपनी के हिस्से जो ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर खरीदे‑बेचे होते हैं सीधे इस बाजार की गति को तय करते हैं, जबकि निवेशक, वो व्यक्ति या संस्थान जो इन उपकरणों में पूँजी लगाते हैं की समझ और जोखिम सहनशीलता सफलता की कुंजी है।
शेयर बाजार में दो प्रमुख क्रिया‑श्रेणियाँ होती हैं: खरीद‑बिक्री (ट्रेडिंग) और पूँजी जुटाना (फंडिंग)। ट्रेडिंग शेयर बाजार के भीतर दैनिक कीमतों के उतार‑चढ़ाव को दर्शाती है, जहाँ तकनीकी विश्लेषण, फ़ंडामेंटल एनालिसिस और समाचार प्रभाव सभी भूमिका निभाते हैं। वहीं फंडिंग पक्ष में कंपनी अपने विकास योजनाओं के लिए IPO या तत्पश्चात बिड‑ऑफ़र के ज़रिए पूँजी इकट्ठा करती है, जैसे हाल के Canara Robeco के IPO ने 9.74 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया। इन दो भागों के बीच का सम्बंध स्पष्ट है: मजबूत फंडिंग से कंपनियों की बुनियादी स्थिति सुधरती है, जिससे स्टॉक की लंबी अवधि के रिटर्न में सुधार हो सकता है।
मुख्य घटक और उनका प्रभाव
वित्तीय बाजार के संदर्भ में शेयर बाजार कई अन्य संस्थाओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा है।.banking सेक्टर की नीतियों, RBI की मौद्रिक दिशा‑निर्देश और SEBI की नियामक निगरानी सीधे तरलता और बाजार भावना को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, RBI द्वारा बंद छुट्टियों या डिजिटल भुगतान में बदलाव से ट्रेडिंग वैऑल्यूम पर असर पड़ता है, जबकि SEBI की नई IPO दिशानिर्देश नई कंपनियों के प्रवेश को सरल बनाते हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय पूँजी प्रवाह, जैसे विदेशी निवेशकों की खरीद‑बिक्री, शेयर बाजार के बड़े इंडेक्स (NIFTY, Sensex) को वैश्विक घटनाओं के साथ लयबद्ध करता है।
इन सबकी छवि को एक साथ देख कर आप समझेंगे कि शेयर बाजार सिर्फ स्टॉक्स की खरीद‑बिक्री नहीं, बल्कि एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें नियामक, निवेशक, कंपनियां और आर्थिक संकेतक आपस में जुड़े होते हैं। आगे आप इस पेज पर पाएंगे विभिन्न लेख जो नवीनतम IPO, स्टॉक प्रदर्शन, निवेश रणनीतियों और बाजार के मौसमी रुझानों को कवर करते हैं। चाहे आप नया निवेशक हों या अनुभवी ट्रेडर, यहाँ की जानकारी आपके निर्णयों को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
26 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने छटा लगातार गिरावट दर्ज की, जहाँ Nifty 24,654.70 पर 0.95% नीचे और Sensex 80,426.46 पर 0.90% गिरा। एनेर्जी सेक्टर ने 14.63% की सबसे बड़ी गिरावट लाई, जबकि यू.एस. टैरिफ की घोषणा ने फार्मा व IT को दबाव में रखा। बाजार की ब्रेड्थ नकारात्मक रही, 3,400 से अधिक शेयर गिरते हुए 1,095 ही बढ़े। एफआईआई आउटफ़्लो और कमजोर रुपया ने गिरावट को तेज किया।
Waaree Energies का आईपीओ आज आवंटित होने की संभावना है। इस आईपीओ को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जिससे यह 76.34 गुना ओवरसब्सक्राइब हो गया है। इसकी लिस्टिंग BSE और NSE पर 28 अक्टूबर, 2024 को होने की उम्मीद है। ग्रे मार्केट में शेयरों की प्रीमियम कीमत से निवेशकों को महत्वपूर्ण लाभ होने की संभावनाएँ हैं।
Bajaj Auto के शेयरों में 13% की गिरावट के बाद निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है। कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे हैं, जहां उनका शुद्ध लाभ 31.4% घटकर ₹1,385 करोड़ रह गया। शेयर की कीमत NSE पर ₹10,093.50 और BSE पर ₹10,095.70 पर बंद हुई। ब्रोकरेज हाउसों ने स्टॉक पर मिलाजुली राय दी है। त्योहारों के मौसम में बिक्री कमजोर रहने की चेतावनी ने पूरे बाज़ार पर असर डाला है।
Ola Electric के शेयरों ने पहले दिन 15% की बढ़ोत्तरी की है। SoftBank और Tiger Global द्वारा समर्थित कंपनी ने 10 अगस्त 2024 को शेयर बाजार में पदार्पण किया। इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में बढ़ते आत्मविश्वास के कारण यह प्रदर्शन मजबूत रहा है। CEO भाविश अग्रवाल ने भविष्य की वृद्धि को लेकर आशा व्यक्त की है।
सेबी ने हाल ही में एफ एंड ओ ट्रेडिंग के लिए नए प्रस्ताव दिए हैं, जिससे विशेषज्ञों को दक्षिण कोरियाई स्टॉक बाजार की याद दिला दी है। इन प्रस्तावों में व्यापारिक मात्रा और अस्थिरता में वृद्धि की संभावना है। प्रमुख बदलावों में अधिकतम स्थिति सीमा बढ़ाना और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों को एफ एंड ओ में भाग लेने की अनुमति देना शामिल हैं। हालांकि इससे बाजार में अधिक तरलता आ सकती है, मगर इसमें जोखिम भी शामिल हो सकते हैं।
Stanley Lifestyles के IPO को पहले ही दिन जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। 1,02,41,507 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 1,46,69,560 शेयरों के लिए बोलियाँ प्राप्त हुईं, जिससे कुल 1.43 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में 2.01 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ, जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों का कोटा 1.80 गुना सब्सक्राइब हुआ। योग्य संस्थागत खरीदारों की श्रेणी में 30% सब्सक्रिप्शन हुआ।