
शेयर बाजार में लगातार गिरावट: Sensex‑Nifty ने छटा छहवीं दिन की हिचकिचाहट
बाजार की हालिया स्थिति
26 सितंबर को NSE और BSE दोनों प्रमुख सूचकांकों ने सातवें लगातार सत्र में नुकसान दर्ज किया। Nifty 24,654.70 पर बंद हुआ, जो पिछले सत्र से 236.15 अंक (0.95%) घटा। वहीं Sensex 80,426.46 पर समाप्त हुआ, 733.22 अंक (0.90%) नीचे। यह गिरावट केवल दो‑तीन सेक्टर तक सीमित नहीं रही; पूरी बाजार में बेचैन माहौल था।
बाजार की शेयर बाजार ब्रेड्थ का आंकड़ा स्पष्ट रूप से नकारात्मक रहा – 3,406 स्टॉक्स घटे, जबकि केवल 1,095 ही उभरे। ऐसे परिदृश्य में निवेशकों की सर्कुलेशन कमजोर हो रही है, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा लगातार निकासी और रूढ़िवादी रुपये की गति ने निचले स्तरों को मजबूत किया।

प्रभावित सेक्टर और स्टॉक्स
एनेर्जी सेक्टर सबसे अधिक गिरावट का कारण बना, 14.63% की भारी स्लैश के साथ। इसके बाद कमर्शियल सर्विसेज (-13.23%), फॉरेस्ट मटेरियल्स (-9.75%), डायमंड, जेम्स एंड ज्वैलरी (-9.30%) और लॉजिस्टिक्स एंड कार्गो (-9.27%) ने भी तेज गिरावट देखी। केवल दो सेक्टर ही पॉज़िटिव रहे: प्रिंटिंग & स्टेशनरी (+0.87%) और कास्टिंग्स, फोर्जिंग्स & फास्टनर्स (+0.40%)।
टॉप लोअर्स में इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, मारुति मोटर्स, इटर्नल और टाटा स्टील शामिल थे। जबकि लुभावने गेनर में एल एंड टी, टाटा मोटर्स, ईचर मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी ने कुछ हल्का सुदूर किया। मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों ने भी लगभग 2% की गिरावट दर्ज की, जिससे छोटे‑परिचालन कंपनियों की भीट को असर पड़ा।
मुख्य कारणों में अमेरिकी सरकार द्वारा ब्रांडेड दवाओं पर टैरिफ लगाने की घोषणा को प्रमुख माना गया, जिससे फार्मा सेक्टर को विशेष दबाव मिला। साथ ही IT स्टॉक्स को ग्लोबल पियरों की कमज़ोर गाइडेंस और वीज़ा नीति में बदलाव की अनिश्चितता ने भी झकझोर दिया। इन सभी कारकों ने मिलकर बाजार के मूड को नीचा कर दिया, और निवेशकों को आगे की चाल‑बाज़ी पर सवाल उठाने पर मजबूर किया।
Aswin Yoga
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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