आसिया कप 2025 के बाद भी गन जश्न, साहिबजादा फरहान की शर्मनाक हरकत वायरल

आसिया कप 2025 के बाद भी गन जश्न, साहिबजादा फरहान की शर्मनाक हरकत वायरल

Aswin Yoga
नवंबर 23, 2025

आसिया कप 2025 के खत्म होने के बाद भी साहिबजादा फरहान अहमद खान ने अपनी विवादित ‘गन फायरिंग’ जश्न की हरकत दोहराई — ये न सिर्फ नियमों की उल्लंघन है, बल्कि खेल की आत्मा के खिलाफ एक जानबूझकर किया गया संकेत है। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत के खिलाफ अपने आधा शतक के बाद जब उसने पहली बार बल्ले को बंदूक की तरह उठाया था, तो आईसीसी ने उसे सख्त चेतावनी दी थी। लेकिन अब, टूर्नामेंट के बाद एक विज्ञापन शूटिंग में उसने वही जश्न दोहराया — जैसे कि उसने कभी चेतावनी सुनी ही नहीं।

क्या हुआ था आसिया कप में?

25 सितंबर, 2025 को दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान के सुपर-4 मैच में, फरहान ने 34 गेंदों में 50 रन बनाए — लेकिन उसका जश्न देखकर कोई खुश नहीं हुआ। भारतीय फील्डर अभिषेक शर्मा के दो बार गलती के बाद भी उसने बल्ले को गन की तरह उठाया और फायर करने का नाटक किया। ये जश्न तुरंत वायरल हो गया। भारतीय मीडिया और फैंस ने इसे न सिर्फ अनैतिक बल्कि राजनीतिक भी बताया — खासकर जब याद आ गया कि पहले ही पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ चुका था।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने आईसीसी को आधिकारिक शिकायत दायर कर दी। आईसीसी ने 26 सितंबर को एक सुनवाई बुलाई। फरहान ने बचाव में कहा कि ये उसके पठान समुदाय की पारंपरिक आदत है — जैसे शादियों या जीत के दिन गाँव में बंदूक चलाने की रिवाज। लेकिन आईसीसी के लिए ये बहाना काफी नहीं था। उसने फरहान को सख्त चेतावनी दी, लेकिन जुर्माना नहीं लगाया।

हरिस राऊफ का भी नाम आया

इसी टूर्नामेंट में हरिस राऊफ ने भी अपनी शर्मनाक हरकत दिखाई — भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ एक ‘प्लेन शूटिंग’ जेस्चर किया। आईसीसी ने उसे उसके मैच फीस का 30% जुर्माना लगाया। लेकिन फरहान को सिर्फ चेतावनी — ये फर्क कई लोगों को अजीब लगा। क्या कोई इसे ‘सांस्कृतिक अपवाद’ बता सकता है? या फिर ये सिर्फ एक दोहराव है?

असल में, फरहान ने फाइनल में फिर से आधा शतक बनाया — लेकिन इस बार उसने कोई जश्न नहीं किया। लगता था कि उसने सीख लिया। लेकिन जब टूर्नामेंट खत्म हुआ, तो उसने एक विज्ञापन शूटिंग में वही जश्न दोहराया। ये न सिर्फ बेइंतेहा था, बल्कि एक संकेत भी था — वो बदलने का नाम नहीं ले रहा।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की भूमिका

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी के नेतृत्व में यह टीम लगती है कि खिलाड़ियों की गलतियों को बाहरी दबाव के तहत नजरअंदाज किया जा सकता है। कुछ स्रोतों के मुताबिक, एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर फरहान का जश्न वीडियो शेयर किया गया — जिसका आईसीसी के लिए कोई अधिकार नहीं था। क्या ये PCB के दबाव से हुआ? कोई साबित नहीं हो पाया, लेकिन इसका असर तो हुआ।

भारतीय मीडिया जैसे TV9 और India TV ने इसे ‘पाकिस्तानी आतंकी संस्कृति’ का हिस्सा बताया। ये बहुत तेज बयान हैं — लेकिन वे एक असली भावना को दर्शाते हैं: जब एक खिलाड़ी खेल के बाहर भी इतना अपमानजनक व्यवहार करता है, तो लोग उसे खेल से जुड़े नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावनाओं से जोड़ने लगते हैं।

फरहान की क्रिकेट उपलब्धि और अंतर

इस साल फरहान ने T20 फॉर्मेट में 102 छक्के मारे — पाकिस्तान का पहला खिलाड़ी जिसने एक कैलेंडर वर्ष में 100 से ज्यादा छक्के मारे। ये उपलब्धि असली है। लेकिन क्या एक खिलाड़ी की उपलब्धि के बावजूद उसकी व्यवहारगत गलतियाँ नजरअंदाज की जा सकती हैं? खेल में नैतिकता भी एक अंक होती है — और फरहान उसे गिरा रहा है।

भारतीय टीम ने आसिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ तीनों मैच जीते। लेकिन जीत का आनंद तब ही पूरा होता है जब खेल का आध्यात्मिक भाव बना रहे। जब एक खिलाड़ी विज्ञापन में भी बंदूक का नाटक करता है, तो ये खेल की बात नहीं, बल्कि एक विरोध का संकेत है।

अगला कदम क्या होगा?

आईसीसी ने अब तक सिर्फ चेतावनी दी है। लेकिन अगर फरहान या कोई और पाकिस्तानी खिलाड़ी फिर से ऐसा करता है, तो शायद अगला कदम बैन होगा। भारतीय फैंस और मीडिया अब चाहते हैं कि आईसीसी इसे एक सामान्य नियम बना दे — कोई भी खिलाड़ी, किसी भी देश का, बंदूक, बम या किसी भी हिंसक जेस्चर का इस्तेमाल न करे।

क्या ये सिर्फ एक खिलाड़ी की गलती है? नहीं। ये एक संस्कृति का प्रतिबिंब है — जहाँ खेल को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। और जब ये बात वायरल हो जाती है, तो ये खेल के लिए नुकसान होता है — न कि बस एक देश के लिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

साहिबजादा फरहान को आईसीसी ने क्यों नहीं जुर्माना लगाया?

आईसीसी ने फरहान को सख्त चेतावनी दी, लेकिन जुर्माना नहीं लगाया क्योंकि उसने अपनी हरकत को पठान समुदाय की सांस्कृतिक परंपरा बताया। आईसीसी के लिए ये ‘सांस्कृतिक व्याख्या’ एक बचाव थी, लेकिन यह निर्णय आलोचना का निशाना बना क्योंकि अन्य खिलाड़ियों को उनके व्यवहार के लिए जुर्माना लगाया गया।

आसिया कप 2025 में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने क्या अनैतिक हरकतें कीं?

फरहान के अलावा, हरिस राऊफ ने भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ ‘प्लेन शूटिंग’ जेस्चर किया, जिसके लिए उसे 30% मैच फीस का जुर्माना लगा। कुछ मैचों में खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के साथ हाथ नहीं मिलाए, जिससे तनाव बढ़ा। इन सबके बावजूद भारत ने तीनों मैच जीते।

फरहान का ये जश्न किस तरह से भारत-पाकिस्तान तनाव से जुड़ा है?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच भावनात्मक तनाव बढ़ा था। गन जश्न को भारतीय मीडिया ने उस हमले की याद दिलाने का संकेत माना। ये जेस्चर खेल के बाहर एक राजनीतिक संदेश बन गया — जिसे आईसीसी ने नजरअंदाज नहीं कर सका।

क्या आईसीसी अब ऐसे जेस्चर के लिए सख्त नियम बनाएगा?

हाँ, आईसीसी अब इस मामले पर एक व्यापक गाइडलाइन तैयार करने पर विचार कर रहा है। अगले वर्ष से शायद कोई भी हिंसक या राजनीतिक जेस्चर (बंदूक, बम, युद्ध विमान आदि) जश्न के रूप में इस्तेमाल करने पर तुरंत बैन या भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

फरहान के खिलाफ भारतीय फैंस ने क्या प्रतिक्रिया दी?

भारतीय सोशल मीडिया पर #BoycottFarhan और #NoGunInCricket ट्रेंड हुए। लोगों ने कहा कि खेल में नैतिकता जरूरी है। कुछ ने तो कहा कि अगर ये जश्न अमेरिका या अफ्रीका में होता, तो आईसीसी तुरंत बैन कर देता। ये द्विमान विचार भी विवाद का हिस्सा है।

क्या ये हरकत पाकिस्तानी क्रिकेट की छवि को नुकसान पहुँचा रही है?

बिल्कुल। भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया अब पाकिस्तानी टीम को ‘अनैतिक’ और ‘राजनीतिक’ बता रहे हैं। यह न सिर्फ खिलाड़ियों की छवि को नुकसान पहुँचा रहा है, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की नेतृत्व क्षमता के सवाल भी उठा रहा है। अगर ये जारी रहा, तो आने वाले टूर्नामेंट्स में उनकी भागीदारी पर भी सवाल उठ सकते हैं।