अंतरिक्ष में ताजगी की कमी: ISS पर ताजा भोजन की चिंता की स्थिति
आईएसएस पर एस्ट्रोनॉट्स के सामने ताजा भोजन की कमी
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर लंबे समय से रह रहे नासा के एस्ट्रोनॉट्स, सनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, के लिए ताजा फल और सब्जियों की कमी एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। हालांकि उनके पास विभिन्न प्रकार के खाद्य सामग्री उपलब्ध है, लेकिन ताजगी की कमी उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। उनका नियमित आहार, जिसमें नाश्ते के अनाज के साथ पाउडर दूध, पिज़ा, झींगे के कॉकटेल, रोस्ट चिकन और टूना शामिल हैं, ताजे उत्पादों के जितना पोषण नहीं प्रदान करता।
अंतरिक्ष में भोजन की आपूर्ति
आईएसएस को हर तीन महीने में ताजे खाद्य आपूर्ति प्राप्त होती है, लेकिन वर्तमान में उनका स्टॉक घट रहा है। नासा सुनिश्चित करता है कि एस्ट्रोनॉट्स पर्याप्त कैलोरी ग्रहण करें, प्रत्येक एस्ट्रोनॉट को प्रति दिन 1.7 किग्रा खाद्य सामग्री मिलती है, लेकिन ताजे उत्पादों की कमी स्वास्थ्य के लिए एक चिंता का विषय है। एस्ट्रोनॉट्स खुद अपने भोजन की तैयारी करते हैं, जो पृथ्वी पर पकाया जाता है और अंतरिक्ष में गर्म होता है। और, वह चुंबकीय ट्रे पर खाते हैं। आईएसएस एस्ट्रोनॉट्स की मूत्र और पसीने से ताजा पानी भी तैयार करता है।
स्वास्थ्य पर पड़ता असर
सनीता विलियम्स के 155-दिवसीय मिशन के दौरान महत्वपूर्ण वजन घटाव हुआ है, जिससे वैश्विक चिंता बढ़ गई है। हाल ही में जारी किए गए चित्रों में वे अपने गालों के खोखलेपन और दुबले दिखने के लक्षण प्रकट कर रही हैं। नासा के अधिकारियों का मानना है कि उनके वजन घटाव का कारण उच्च कैलोरी आवश्यकताओं और दैनिक कसरत संबंधी कठिनाई है। उनकी स्थिति को स्थिर करना नासा की प्राथमिकता बन गई है।
संभावित समाधान और भविष्य की योजना
हालांकि स्टारलाइनर मिशन से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि एस्ट्रोनॉट्स को अच्छी तरह से ध्यान रखा गया है और वजन में कमी का कारण आईएसएस पर आपूर्तियों की कमी नहीं है। हालांकि, ताजा खाद्य आपूर्ति की कमी बनी हुई है और नासा इस समस्या को स्वरूप में लाने के लिए कार्यरत है ताकि एस्ट्रोनॉट्स की समग्र स्थिति में सुधार हो सके। भविष्य में नासा लगातार अन्य उपायों पर विचार कर रही है, जिसमें अंतरिक्ष भोजन के लिए स्थानीय उत्पादन के विचार भी शामिल हो सकते हैं। यदि समाधान नहीं खोजा गया, तो अंतरिक्ष में ताजगी की यह कमी एक अधिक गंभीर समस्या बन सकती है।
समीर चौधरी
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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