चक्रवात फेंगल ने पुदुचेरी के पास मारा लैंडफॉल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश

चक्रवात फेंगल ने पुदुचेरी के पास मारा लैंडफॉल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश

समीर चौधरी
समीर चौधरी
नवंबर 30, 2024

चक्रवात फेंगल का कहर: पुदुचेरी के पास लैंडफॉल

चक्रवात फेंगल ने 30 नवंबर 2024 को सुबह 10:21 बजे पुदुचेरी के समीप लैंडफॉल किया। भारत मौसम विभाग (IMD) ने इस चक्रवात के चलते तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लैंडफॉल के दौरान चक्रवात की गति लगभग 90 किलोमीटर प्रति घंटा रही, और यह तमिलनाडु एवं पुदुचेरी के उत्तरी तटों पर कराईकल और महाबलीपुरम के बीच स्थित था।

तटीय क्षेत्रों जैसे कि कराईकल, नागपट्टिनम और चेन्नई में मौसम विभाग ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, तमिलनाडु और पुदुचेरी के स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है, ताकि वे किसी अनहोनी से बच सकें।

तैयारियों का दौर: राहत और एहतियात

तैयारियों का दौर: राहत और एहतियात

पुदुचेरी के मत्स्य विभाग ने मछुआरों को अपनी नौकाएँ और उपकरण ऊंची जगहों पर स्थानांतरित करने की सलाह दी है। चक्रवात फेंगल के तीव्र होने पर भारतीय नौसेना ने आपदा प्रतिक्रिया योजना लागू की है। इसके तहत 471 लोगों को तिरुवरूर और नागापट्टिनम जिलों में राहत केंद्रों में आश्रय दिया गया है।

राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने संकटग्रस्त लोगों के लिए 112 और 1077 टोल-फ्री नंबर स्थापित किए हैं और सहायता के लिए व्हाट्सएप नंबर 9488981070 निर्धारित किया है।

वायुमंडलीय प्रभाव और चक्रवात का स्वरूप

वायुमंडलीय प्रभाव और चक्रवात का स्वरूप

चक्रवात फेंगल का स्वरूप वायुमंडलीय तत्वों से प्रभावित हुआ, जिसमें श्रीलंका के तट के साथ उसकी क्रिया, निचले स्तरों पर सन्निकटन की कमी और ऊपरी क्षोभमंडलीय रिज की उपस्थिति थी। इन वजहों से चक्रवात की वृद्धि धीमी हो गई और बारिश के पैटर्न में परिवर्तन हुआ।

चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक डॉ. एस बालाचंद्रन ने कहा कि तटीय जिलों में हवा के साथ-साथ बारिश का प्रभाव अधिक महसूस होगा। भारी बारिश का अनुमान 1 बजे से 2 बजे के बीच लगाया गया है, जिसमें कई स्थानों पर बिखरी हुई अत्यधिक बारिश हो सकती है।

समुद्री गतिविधियों पर प्रतिबंध

समुद्री गतिविधियों पर प्रतिबंध

इस समय सभी मछुआरों से विशेष रूप से अनुरोध किया गया है कि वे समुद्री गतिविधियों से परहेज करें, क्योंकि समुद्र में लहरें ऊंची हो सकती हैं और वे गंभीर जोखिम में पड़ सकते हैं। कई स्थानों पर जलभराव और समुद्री जल की घुसपैठ के कारण स्थानीय निवासी कठिनाई में हैं।

सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में विशेष बचाव दल तैनात किए हैं, जो तत्काल जरूरी मामलों में मदद करेंगे। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, और जनसंपर्क की सुविधा के लिए अस्थायी मोबाइल टावर लगाए जाने की संभावना भी व्यक्त की गई है।

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