
कर्नाटक के तुंगभद्रा बांध का गेट टूटा, बाढ़ के पानी ने मचाई तबाही
तुंगभद्रा बांध में बड़ा हादसा
कर्नाटक के होस्पेट स्थित तुंगभद्रा बांध में शनिवार रात एक बड़ा हादसा हुआ। बांध का गेट नंबर 19 अत्यधिक दबाव के कारण टूट गया, जिससे बाढ़ का पानी तेजी से नीचे की ओर बह निकला। यह हादसा तब हुआ जब गेट की चेन लिंक के टूटने से पानी का दबाव असहनीय हो गया। बांध प्राधिकरण ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास शुरू कर दिए।
बांध का इतिहास और क्षमता
तुंगभद्रा बांध का निर्माण 1953 में पूरा हुआ था और इसका इतिहास लंबा और समृद्ध है। इस बांध की जल भंडारण क्षमता लगभग 100 टीएमसी (त्रिलियन क्यूबिक फीट) है। हाल की भारी बारिश के बाद, तुंगभद्रा बांध लगभग पूर्ण क्षमता पर था। बांध के सभी 33 क्रेस्ट गेट खोले गए, और इससे एक लाख क्यूसेक्स से अधिक पानी का बहाव हुआ। यह इस बांध की अब तक की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है।
क्षेत्र की सुरक्षा और चेतावनी
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) द्वारा सतर्कता जारी की गई है। APSDMA के प्रबंध निदेशक आर. कुर्मनाध ने कृष्ना नदी के किनारे के निवासियों, विशेषकर कुरनूल जिले के कोसीरी, मंथ्रालयम, नंदावारम, और कौथालम के निवासियों को सतर्क रहने और नदियों और नालों को पार न करने की सलाह दी है।
अधिकारियों का दौरा और मरम्मत कार्य
कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तांगड़गी ने घटना स्थल का दौरा किया और उम्मीद जताई कि अगले सप्ताह के भीतर मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा। उप मुख्यमन्त्री और जल संसाधन मंत्री डी. के. शिवकुमार ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए आने की योजना बनाई है। बांध के प्राधिकरण ने बताया कि मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले लगभग 60-65 टीएमसी पानी निकालना आवश्यक है, ताकि गेट को ठीक किया जा सके।
भविष्य के कदम और सुरक्षा
बांध प्राधिकरण ने बताया कि उनकी योजना धीरे-धीरे पानी के बहाव को बढ़ाने की है, ताकि जल्दी से जल्दी मरम्मत का काम शुरू किया जा सके। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बांध की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति ने सरकार और स्थानीय निवासियों को चिंतित कर दिया है, लेकिन अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे पूरी तरह से स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों के लिए निर्देश
स्थानीय निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और जलस्तर के किसी भी अचानक बढ़ोतरी पर सतर्क रहें। इस कठिन समय में सतर्कता और सावधानी बरतना बेहद महत्वपूर्ण है। तुंगभद्रा बांध के महत्वपूर्ण अवधि में अधिकारियों और निवासियों को एकजुट होकर इस आपदा से निपटना होगा।
Aswin Yoga
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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