
लालीगा में रियल मैड्रिड को फेडे वाल्वरडे ने जोड़ा उम्मीदों से, एथलेटिक बिलबाओ के खिलाफ 1-0 से जीती बाज़ी
फेडे वाल्वरडे की देर से चमक, रियल की उम्मीदों को दी नई सांस
यह मैच जबरदस्त तनाव और उम्मीदों से भरा था। रियल मैड्रिड का सामना था एथलेटिक बिलबाओ से, और मंच था सैंटियागो बर्नाबेउ का, जहां हर फैंस एक ही सवाल पूछ रहा था - क्या टीम चैंपियंस लीग के झटके से उबर पाएगी? रियल मैड्रिड ने शुरुआत से ही दबाव बनाकर खेला, लेकिन एथलेटिक बिलबाओ की रक्षापंक्ति दीवार बन गई थी। खासकर पहले हाफ में मैड्रिड बॉल को पकड़ते रहे, पासिंग में तेजी लाते रहे, लेकिन एथलेटिक के डिफेंडरों और कीपर उनाई सिमोन ने बार-बार उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
खेल का रोमांच तब बढ़ गया जब 79वें मिनट में विनीसियस जूनियर ने गोल किया, लेकिन VAR ने ऑफसाइड का झंडा दिखाकर गोल निरस्त कर दिया। इसके बाद भी मौके बने, जूड बेलिंघम के पास गोल का सुनहरा मौका था, मगर उनके शॉट को भी सिमोन ने रोक लिया। खेल वक्त के साथ दबाव में बदलता जा रहा था।
खास बात यह रही कि टीम को जहां किलियन एम्बाप्पे के न होने की कमी खल रही थी, वहीं वाल्वरडे लगातार मिडफील्ड और अटैक दोनों में जान फूंकते रहे। आखिरकार, 93वें मिनट में वाल्वरडे ने जबरदस्त वॉली लगाकर गेंद को नेट में डाल दिया और पूरा स्टेडियम गूंज उठा। उनका यह गोल निर्णायक साबित हुआ और यहां से रियल मैड्रिड ने तीन बेहद जरूरी प्वाइंट्स अपने नाम किए।
अपने ही घर में दिखीं कमजोरी, फिर भी टाइटल की दौड़ में कायम
जीत से जश्न तो मना, लेकिन इस मैच ने रियल मैड्रिड के लिए कई सवाल भी खड़े कर दिए। टीम ने पोजेशन, पासिंग और मूवमेंट में तो दबदबा बनाए रखा, लेकिन फिनिशिंग में कमजोर साबित हुई। कई बार मिडफील्ड से शानदार मूव बनते दिखे, मगर आखिरी टच की कमी रही। बेलिंघम और कमाविंगा दोनों के पास गोल करने के मौके आए, पर विपक्षी कीपर ने बहतरीन बचाव किया।
वाल्वरडे के अलावा किसी भी अन्य खिलाड़ी ने मैच विनर बनने का अंदाज नहीं दिखाया, जिससे साफ समझ आता है कि टीम इस समय उन पर काफी निर्भर है। दूसरी ओर, एथलेटिक बिलबाओ की टीम अपनी यूरोपा लीग की सफलता के बावजूद इस गोलरहित हार से बाहर नहीं निकल पाई। निको विलियंस को खास तौर पर मैड्रिड के डिफेंडरों ने जकड़े रखा और कोई बड़ा मौका नहीं बनने दिया।
- अब रियल मैड्रिड टेबल टॉपर बार्सिलोना से सिर्फ चार अंक पीछे रह गई है।
- आने वाले क्लासिको मुकाबले पर सबकी निगाहें रहेंगी, क्योंकि वहीं से टाइटल की तस्वीर साफ हो सकती है।
इस पूरे मुकाबले ने यह साफ कर दिया है कि मौजूदा सीजन में मैड्रिड में गहराई है, टीम संकट के वक्त भी बढ़िया वापसी कर सकती है, लेकिन आगे की चुनौती और कड़ी होगी। एथलेटिक की मजबूत रक्षा ने उन्हें परेशान किया, कुछ मौके गंवाए गए, मगर आखिरकार वाल्वरडे के दम पर मैड्रिड की उम्मीदें बरकरार हैं।

समीर चौधरी
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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