वोडाफोन आइडिया के शेयर कीमत में भारी गिरावट: एजीआर बकाया उम्र सुप्रीम कोर्ट निर्णय के बाद निवेशकों के लिए क्या करें?

वोडाफोन आइडिया के शेयर कीमत में भारी गिरावट: एजीआर बकाया उम्र सुप्रीम कोर्ट निर्णय के बाद निवेशकों के लिए क्या करें?

समीर चौधरी
समीर चौधरी
सितंबर 19, 2024

वोडाफोन आइडिया के शेयर की भारी गिरावट

गुरुवार को वोडाफोन आइडिया के शेयरों में लगभग 20% की भारी गिरावट देखी गई, जो कि जनवरी 2022 के बाद सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावट का संकेत है। इस गिरावट का कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेलीकॉम कंपनियों की समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया सम्बंधित याचिकाओं को खारिज किया जाना है।

वोडाफोन आइडिया पर वर्तमान एजीआर बकाया 70,300 करोड़ रुपये से अधिक है। शेयर की कीमत हाल ही में ₹19.18 के पीक से लगभग आधी हो चुकी है और इसने अपने 200-दिवसीय मूविंग एवरेज को तोड़ दिया है, जिसे जून से पहले ही बनी हुई थी।

विशेषज्ञों की राय

ट्रेडबुल्स के सच्चितानंद उत्तेकर ने शेयर के 200-WEMA सपोर्ट लेवल ₹13 के नीचे गिरने का हवाला दिया, जो दर्शाता है कि गिरावट जारी रह सकती है। वह इसे ₹7 तक और गिर सकता है, जबकि ₹13 अब एक महत्वपूर्ण लॉन्ग-टर्म बाधा के रूप में कार्य कर सकती है।

संक्टम वेल्थ के आदित्य अग्रवाल ने बताया कि वोडाफोन आइडिया ने मुख्य समर्थन स्तर ₹12 को उच्च वॉल्यूम्स के साथ तोड़ा है। उन्होंने नकारात्मक प्रवृत्ति के साथ व्यापार की उम्मीद जताई और ₹12-₹12.4 का रिट्रीट स्तर के रूप में उपयोग करते हुए लंबे समय तक पोजीशन से बाहर निकलने की सलाह दी है।

आनंद राठी के जिगर पटेल ने स्टॉक के चार्ट को गहराई से नकारात्मक बताया है। उन्होंने 200-दिवसीय एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (DEMA) के निचे गिरने के बाद शेयर को अVOID करने की सिफारिश की है।

आगे की रणनीति

वोडाफोन आइडिया के शेयर की लगातार गिरावट और उच्च वॉल्यूम्स कुछ निवेशकों में घबराहट पैदा कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थितियों में, शेयरों को सावधानी से देखना चाहिए और संभावित रिट्रीट स्तरों का लाभ उठाकर बाहर निकलना बेहतर है।

वोडाफोन आइडिया के शेयरों की यह निरंतर गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। इसलिए आवश्यक है कि विश्लेषकों की सलाह पर ध्यान दें और समझदारी से निवेश संबंधी निर्णय लें।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

वोडाफोन आइडिया के लिए एजीआर बकाया एक बड़ी समस्या बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है और शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई है। निवेशकों को सुझाव दिया जाता है कि वे सावधानी बरतें और ज्यादा जोखिम लेने से बचें।

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