अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे को 3-0 से हराकर टी20 सीरीज़ में सफेद धोती बनाई

अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे को 3-0 से हराकर टी20 सीरीज़ में सफेद धोती बनाई

Aswin Yoga
नवंबर 2, 2025

हरारे के हरारे स्पोर्ट्स क्लब में रविवार, 2 नवंबर 2025 को खेले गए तीसरे और अंतिम टी20I में अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे को 9 रनों से हराकर 3-0 से टी20 सीरीज़ में सफेद धोती बना दी। यह जीत अफगानिस्तान की जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20I में 19 मैचों में से 17वीं जीत बन गई — एक ऐसा दबदबा जो अब सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि एक खेल के रूपांतरण की कहानी है।

अफगानिस्तान की बल्लेबाजी ने जिम्बाब्वे को धूल चटा दी

अफगानिस्तान ने 20 ओवरों में 210/3 का शानदार स्कोर खड़ा किया। ओपनर रहमानुल्लाह गुरबाज़ ने 48 गेंदों में 92 रन बनाए — 8 रनों की चाहत के साथ शतक से चूक गए। उनके साथ इब्राहिम ज़द्रान ने 49 गेंदों में 60 रनों का योगदान दिया, जिसमें 7 चौके शामिल थे। मध्यक्रम में सेदीकुल्लाह अतल ने सिर्फ 15 गेंदों में 35* रन बनाए — 3 छक्के और 2 चौकों के साथ 233.33 का स्ट्राइक रेट। यह तीनों बल्लेबाज़ एक साथ खेलते हुए जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों को बेकार साबित कर दिया।

जिम्बाब्वे की टीम लड़ी, लेकिन अधूरी रह गई

जिम्बाब्वे के लिए यह मैच एक ‘चेहरा बचाने’ का मौका था। पहले दो मैचों में उन्हें 53 रन और 7 विकेट से हराया जा चुका था। कप्तान सिकंदर राजा की टीम ने शुरुआत में बहुत अच्छा दिखाया — ब्रायन बेनेट ने टीम का पहला छक्का लगाया, और रायन बर्ल ने अंतिम पांच ओवरों में 42 रन बनाए। लेकिन जब 150 के आसपास पहुंचे, तो बल्लेबाजी का दबाव बढ़ गया। अफगानिस्तान के गेंदबाज़ों ने दबाव बनाए रखा, और जिम्बाब्वे 201 रन पर ही ढेर हो गया।

जिम्बाब्वे के लिए बड़ा सवाल: टी20 में बल्लेबाजी का अभाव

जिम्बाब्वे ने पहले ही इसी मैदान पर अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था — एक इनिंग्स और 73 रनों से। लेकिन टी20 में उनकी बल्लेबाजी लगातार बर्बाद हो रही है। वरिष्ठ खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर और ग्रेम क्रेमर (39 साल के, 7 साल बाद वापसी) की वापसी के बावजूद, टीम का मध्यक्रम अभी भी अस्थिर है। जिम्बाब्वे क्रिकेट के लिए यह एक बड़ा चेतावनी है — उनकी टीम टेस्ट क्रिकेट में जीत सकती है, लेकिन टी20 में बल्लेबाजी का निर्माण नहीं हो पा रहा।

अफगानिस्तान: एक बढ़ती हुई टी20 शक्ति

अफगानिस्तान की यह जीत उनके टी20 क्रिकेट के उदय की एक और गवाही है। रशीद खान की नेतृत्व में यह टीम अब दुनिया की सबसे खतरनाक टी20 टीमों में से एक है। उनकी टीम के पास न केवल बल्लेबाजी की गहराई है, बल्कि गेंदबाजी की भी लचीलापन है। जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ों को बस एक बार भी बल्लेबाज़ को रोकने में सफल नहीं हो पाए। यह वही टीम है जिसने पिछले छह मैचों में पांच जीत दर्ज की हैं। अब वे आगामी आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए एक गंभीर प्रतिद्वंद्वी बन चुके हैं।

हरारे स्पोर्ट्स क्लब: बल्लेबाजों का मंदिर

हरारे स्पोर्ट्स क्लब: बल्लेबाजों का मंदिर

यह मैच हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया — जिसकी तेज़ और तेज़ गति वाली ग्राउंड ने बल्लेबाज़ों के लिए आदर्श माहौल पैदा किया। इस मैदान पर तीनों टी20I मैचों में औसत स्कोर 200+ रहा। लेकिन जिम्बाब्वे की टीम ने इस ग्राउंड का फायदा नहीं उठा पाया। जबकि अफगानिस्तान ने इसे अपने बल्लेबाजी के बहुत अच्छे अनुकूलन के रूप में इस्तेमाल किया।

अगला कदम: टी20 विश्व कप के लिए तैयारी

अफगानिस्तान के लिए यह सीरीज़ बस शुरुआत है। अगले छह महीनों में आईसीसी टी20 विश्व कप होगा, और यह जीत उन्हें आत्मविश्वास देगी। जिम्बाब्वे के लिए तो अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वे अपनी टीम को टी20 में फिर से बना सकते हैं? उनके पास अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन युवा बल्लेबाज़ों का विकास अभी तक नहीं हुआ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20I में इतनी बड़ी जीत कैसे हासिल की?

अफगानिस्तान ने ओपनर रहमानुल्लाह गुरबाज़ और इब्राहिम ज़द्रान के तेज़ शुरुआती ओवरों के साथ मध्यक्रम में सेदीकुल्लाह अतल की जबरदस्त बल्लेबाज़ी के साथ बड़ा स्कोर बनाया। जिम्बाब्वे के गेंदबाज़ इस तेज़ बल्लेबाज़ी को रोकने में असमर्थ रहे, और अफगानिस्तान की गेंदबाज़ी ने अंतिम ओवरों में दबाव बनाए रखा।

जिम्बाब्वे के लिए यह सीरीज़ हार क्यों इतनी बड़ी चुनौती है?

जिम्बाब्वे ने पहले ही इसी मैदान पर अफगानिस्तान को टेस्ट में हराया था, लेकिन टी20I में उनकी बल्लेबाज़ी लगातार असफल रही। उनके मध्यक्रम में अभी भी अस्थिरता है, और युवा बल्लेबाज़ बड़े दबाव में अपना खेल नहीं खेल पा रहे। यह टीम के विकास के लिए एक बड़ा संकेत है।

रशीद खान ने इस सीरीज़ में क्या भूमिका निभाई?

रशीद खान ने अपनी बल्लेबाज़ी में खासा योगदान नहीं दिया, लेकिन उनकी नेतृत्व और टीम की रणनीति ने सब कुछ बदल दिया। उन्होंने बल्लेबाज़ों को आत्मविश्वास दिलाया और गेंदबाज़ों को बार-बार दबाव बनाने का संदेश दिया। उनकी नेतृत्व में अफगानिस्तान अब टी20 में एक अटूट टीम बन गया है।

ग्रेम क्रेमर की वापसी का क्या महत्व था?

39 साल के क्रेमर की वापसी जिम्बाब्वे के लिए अनुभव और आत्मविश्वास का संकेत था। लेकिन उन्हें अफगानिस्तान के तेज़ बल्लेबाज़ों के खिलाफ अपनी गेंदबाज़ी को नियंत्रित नहीं कर पाए। यह दिखाता है कि अनुभव अकेला पर्याप्त नहीं है — युवा बल्लेबाज़ों का विकास जरूरी है।

अफगानिस्तान के लिए अगला लक्ष्य क्या है?

अगला लक्ष्य आईसीसी टी20 विश्व कप है। अफगानिस्तान अब टी20 में एक शीर्ष टीम है, और उनके लिए टूर्नामेंट में गहरा रास्ता बनाना संभव है। उनकी बल्लेबाज़ी की गहराई और गेंदबाज़ी की लचीलापन उन्हें चैंपियनशिप के लिए एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाती है।