दिल्ली न्यूज़ लाइव अपडेट्स: हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत को चुनौती देगा ईडी
ईडी करेगी हाई कोर्ट में अपील
दिल्ली की राजनीति में इस समय हलचल मची हुई है क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत को चुनौती देने की तैयारी में है। निचली अदालत द्वारा केजरीवाल को जमानत दिए जाने के बाद ईडी द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है।
गुरुवार रात को निचली अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए ईडी की उस अपील को भी खारिज कर दिया था जिसमें उसने जमानत आदेश को 48 घंटे तक रोकने की मांग की थी। इसके बाद से ही ईडी की तरफ से यह प्रतिक्रिया आ रही है।
मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तारी
अरविंद केजरीवाल को तीन महीने पहले मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में सीधे हस्तक्षेप किया था। इस घोटाले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी सक्रिय है।
ईडी ने यह आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने दिल्ली की अब निरस्त हो चुकी एक्साइज पॉलिसी को 'साउथ ग्रुप' के हित में बनाया था। इस नीति के तहत 'साउथ ग्रुप' को व्यापक अधिकार, अनुचित लाभ, स्थापित होलसेल व्यवसाय में हिस्सेदारी और कई रिटेल जोनों में अनुचित सुविधाएं प्रदान की गई थीं। इसके बदले में 'साउथ ग्रुप' ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की राशि दी थी।
केजरीवाल की अंतरिम जमानत और वापसी
केजरीवाल को दोषी ठहराए जाने के बाद उन्होंने मार्च 21 को आत्मसमर्पण किया और बाद में उन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया ताकि वह लोकसभा चुनाव अभियान में भाग ले सकें। उनकी अंतरिम जमानत पर रहने की अवधि समाप्त होने के बाद उन्होंने 2 जून को फिर से आत्मसमर्पण किया और तब से वह तिहाड़ जेल में हैं।
भ्रष्टाचार विरोधी छवि पर धक्का
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उन पर लगे आरोप उनकी भ्रष्टाचार विरोधी छवि पर भी सवाल खड़ा करते हैं। केजरीवाल का दावा रहा है कि वह राजनीति में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का प्रतीक हैं, लेकिन उन पर लगे गंभीर आरोप जनता के विश्वास को कमजोर कर सकते हैं।
उनकी गिरफ्तारी और इस घटना के प्रभाव से न केवल दिल्ली की राजनीति पर प्रभाव पड़ा है, बल्कि आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी असर पड़ा है।
भविष्य की राजनीति पर असर
आम आदमी पार्टी और भारतीय राजनीति के बड़े परिदृश्य पर भी इसका व्यापक असर पड़ सकता है। केजरीवाल और उनकी पार्टी को एक बार फिर से अपनी सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता को साबित करना होगा।
इस असामान्य घटनाक्रम से दिल्ली और केंद्र में अधिकारियों के बीच भी तनातनी बढ़ने की संभावना है। यह मामला विभिन्न राजनीतिक और कानूनी मोर्चों पर गहन मुद्दे पैदा कर सकता है।
आने वाले दिनों में देखना यह होगा कि हाई कोर्ट इस मामले पर क्या फैसला सुनाती है और केजरीवाल व उनकी पार्टी इस नई चुनौती का सामना कैसे करते हैं।
समीर चौधरी
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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