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हरषित राणा का साहसिक कदम: चोटिल शिवम दुबे की जगह टी20 में बनाई जगह
हरषित राणा का टी20 पदार्पण: क्रिकेट इतिहास का अनोखा दिन
क्रिकेट में हर नया खिलाड़ी अपने पदार्पण का सपना देखता है, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के युवा प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज हरषित राणा ने ऐसे अनोखे स्वरूप में टी20 डेब्यू किया, जो क्रिकेट के इतिहास में राह दिखाने वाला साबित हो सकता है। हरषित ने शिवम दुबे, जो कि एक वास्तविक ऑलराउंडर हैं, की जगह बतौर कंकशन सब्स्टिट्यूट अपनाई। यह घटना 31 जनवरी, 2025 को पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी20 मैच में हुई।
शिवम दुबे की चोट: मैच का निर्णायक पल
भारत की पारी के दौरान अंतिम ओवर में जैमी ओवर्टन की तेज बाउंसर ने शिवम दुबे के हेलमेट पर टकराई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अचानक मैदान छोड़ना पड़ा। जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि दुबे को कंकशन हुआ था और उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। उनकी जगह पहले रामनदीप सिंह को एक फील्डिंग सब्स्टिट्यूट के रूप में मैदान पर भेजा गया। लेकिन कुछ ही ओवर के बाद, यह निर्णय लिया गया कि हरषित राणा को शिवम दुबे का स्थान लेने के लिए मैदान में उतारा जाएगा।
राणा का असरदार प्रदर्शन और इंटरनेट पर उठा विवाद
मैदान में आते ही, हरषित राणा ने अपनी ऊर्जा और अद्वितीय क्षमताओं का प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले इंग्लैंड के कप्तान जोश बटलर का एक शानदार कैच लिया और उसके बाद 12वें ओवर में लियाम लिविंगस्टोन को आउट कर दिखा दिया कि चयनकर्ता ने सही निर्णय लिया है। उनकी गेंदबाजी ने भारतीय टीम के लिए गेम चेंजर के रूप में काम किया और उन्होंने 16वें ओवर में जेकब बेत्थेल को भी वापस पवेलियन भेजा।
हालांकि, इस निर्णय के तुरंत बाद ऑनलाइन चर्चा शुरू हो गई क्योंकि लोग आईसीसी के 'लाइक-फॉर-लाइक' सब्स्टिट्यूट नियम पर सवाल उठाने लगे। कुछ क्रिकेट प्रशंसक दावा कर रहे थे कि राणा का चयन नियम के अनुसार नहीं था, क्योंकि दुबे का स्थान एक वास्तविक ऑलराउंडर के हाथों जाना चाहिए था। लेकिन भारतीय कप्तान और टीम मैनेजमेंट ने यह स्पष्ट किया कि खेल के नियमों का पालन किया गया।
शिवम दुबे की जबरदस्त पारी
शिवम दुबे ने अपनी चोट से पहले एक शानदार पारी खेली। उन्होंने 34 गेंदों पर 53 रन बनाए, जिसमें सात चौके और दो छक्के शामिल थे। उनकी पारी में हार्दिक पांड्या के साथ एक मजबूत साझेदारी रही, जिन्होंने भी 30 गेंदों पर 53 रन बनाए। इस साझेदारी ने भारत को अंतिम स्कोर 181/9 तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हरषित राणा ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। उनके खेल और धोखेबाज़ी के साथ साहसिक प्रदर्शन ने देश के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली है।
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समीर चौधरी
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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