जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने 29 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की
जम्मू और कश्मीर चुनाव: भाजपा ने तीसरी सूची जारी की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए 29 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची जारी की है। यह सूची मुख्य रूप से दूसरे और तीसरे चरण के चुनावों के लिए जारी की गई है, जो कि क्रमशः 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाले हैं। 90 सदस्यीय जम्मू और कश्मीर विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में होगा: 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर, और इसके परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
यह तीसरी सूची भाजपा के चुनावी रणनीति का हिस्सा है जिसमें विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से विविधता से भरे उम्मीदवार शामिल किए गए हैं। मुरतजा खान को मेन्डहर, सुनील भारद्वाज को रामनगर (एससी), चौधरी अब्दुल ग़नी को पूंछ हवेली, पवन गुप्ता को उधमपुर पश्चिम, मोहम्मद इकबाल मलिक को थन्नामंडी और बलदेव राज शर्मा को श्री माता वैष्णो देवी सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
दूसरे चरण के लिए उम्मीदवार
दूसरे चरण के लिए 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। इनमें प्रमुख नाम अशोक भट (हब्बाकादल), मोहम्मद अकरम चौधरी (गुलाबगढ़), कुलदीप राज दूबे (रेासी), ठाकुर रणधीर सिंह (कालाकोट-सुंदरबनी) और चौधरी जुल्फिकार अली (बुढल) शामिल हैं।
तीसरे चरण के लिए उम्मीदवार
तीसरे चरण के लिए 19 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। इनमें प्रमुख नाम सय्यद मुश्ताक अहमद बुखारी (सुरनकोट), बलवंत सिंह मंकोटिया (चेनानी), सुरजीत सिंह सलाथिया (सांबा), चंद्र प्रकाश गंगा (विजयपुर), घरू राम भगत (सुचेतगढ़) और नरिंदर सिंह रैना (आरएस पुरा- जम्मू दक्षिण) शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, युधवीर सेठी (जम्मू पूर्व), देविंदर सिंह राणा (नग्रोता), अरविंद गुप्ता (जम्मू पश्चिम), शाम लाल शर्मा (जम्मू उत्तर), मोहन लाल भगत (अखनूर) और राजीव शर्मा (छंब) प्रमुख उम्मीदवार हैं जिन्हें भाजपा ने नामांकित किया है।
वरिष्ठ नेताओं को छोड़ा गया
भाजपा की इस सूची को जारी करने के बाद पार्टी में कुछ असंतोष भी दिख रहा है। पार्टी ने अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं को इस बार उम्मीदवार बनाने से परहेज किया है। इनमें से प्रमुख नाम हैं- पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और पूर्व मंत्री सत पाल शर्मा, प्रिय सेठी और शाम लाल चौधरी। इनके नाम न शामिल किए जाने से कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है और उन्होंने खुलकर विरोध प्रदर्शन किया है। कुछ कार्यकर्ताओं ने बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की धमकी भी दी है, जो पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है।
जम्मू और कश्मीर में हो रहे इन महत्वपूर्ण चुनावों में भाजपा का यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा सकता है। जहां एक ओर पार्टी ने विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों से विविध उम्मीदवारों को मौका दिया है, वहीं दूसरी ओर इन महत्वपूर्ण नेताओं को सूची से बाहर रखने पर पार्टी के भीतर चिंताएं भी बढ़ी हैं। अब देखना यह है कि क्या भाजपा इन चुनावों में अपनी पकड़ मजबूत बना पाएगी या फिर पार्टी के भीतर की इस नाराजगी का असर चुनाव परिणामों पर पड़ेगा।
इन चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का प्रभाव न केवल प्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा बल्कि यह भी तय करेगा कि जम्मू और कश्मीर में आगामी वर्षो में भाजपा की पकड़ कितनी मजबूत होगी।
समीर चौधरी
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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