
केरल लॉटरी SK-12 परिणाम 18 जुलाई: मिलापूरम में 1 करोड़ का विजेता
जब केरल स्टेट लॉट्री विभाग ने 18 जुलाई 2025 को सुवर्णा केरला एसके-12 लॉटरीगोर्की भवन, बेकरी जंक्शन, पालयम, त्रिवेंद्रम के परिणाम सार्वजनिक किए, तो पूरे राज्य में हलचल मच गई। पहला पुरस्कार ₹1 करोड़ का था, और यही बड़ी खबर का फोकस बन गया—कौन जीत रहा है, और ये जीत किसे मिल रही है?
परिणाम का विस्तृत विवरण
पहले पुरस्कार जीतने वाला टिकट नंबर RU 634706 था, जो मलप्पुरम जिले से संबंधित था। यह टिकट पी. टी. सैदालवी एजेंट द्वारा एजेंसी नंबर M 2018 के तहत बेचा गया था। दूसरी ओर, ₹30 लाख का दूसरा पुरस्कार कोल्लम जिले से टिकेट RW 595453 को मिला, जिसे सानुजा एस ने एजेंसी नंबर Q 5891 के तहत बेचा था। तीसरा पुरस्कार ₹5 लाख का RY 376814 के धारक को कोट्टायम जिले में मिला, और टिकट सेलवन सी के एजेंसी K 8459 से बेचा गया था।
सुवर्णा केरला एसके-12 में कुल बारह श्रृंखला (RN, RO, RP, RR, RS, RT, RU, RV, RW, RX, RY, RZ) थीं और सभी श्रृंखलाओं में समान संख्या वाला कंसोलिडेशन प्राइज ₹5,000 दिया गया। उदाहरण के तौर पर, श्रृंखला RN‑634706, RO‑634706 आदि को कंसोलिडेशन प्राइज मिला।
लॉटरी ड्रॉ की प्रक्रिया और पारदर्शिता
ड्रॉ 15:00 बजे त्रिवेंद्रम के गोर्की भवन में पूरी निगरानी के तहत हुआ। लॉट्री विभाग ने कहा कि ड्रॉ में टेबल, कैमरा, और स्वतंत्र निरीक्षक मौजूद थे ताकि कोई भी गड़बड़ी न हो। एक स्रोत ने बताया, "हम हर साल इस ड्रॉ को सबूत आधारित बनाते हैं, इसलिए जनता के भरोसे में गिरावट नहीं आती।"
विजेताओं की प्रतिक्रियाएँ और सामाजिक प्रभाव
मलप्पुरम के लॉट्री एजेंट पी. टी. सैदालवी ने बताया कि उनका स्टॉल अक्सर भीड़ से भर जाता है, लेकिन इस जीत से उनके व्यवसाय में अचानक उछाल आया। "मैं पहले भी कई बार लॉट्री बेचता हूँ, पर इस बार ग्राहक इतना खुश हुए कि उन्होंने हमें हाथ में हाथ डालकर धन्यवाद कहा," उन्होंने कहा। वहीं कोल्लम के विजेता सानुजा एस ने बताया कि वह इस राशि को अपने बच्चों की शिक्षा और छोटे व्यवसाय में लगाना चाहती हैं। कोट्टायम के सेलवन सी ने कहा, "यह जीत मेरे परिवार के लिए एक नई शुरुआत है, हम अब कर्ज से मुक्त हो पाएंगे।"
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉट्री से राज्य को सालाना लगभग ₹3,000 करोड़ की आय होती है, जो दुर्लभ बीमा योजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में उपयोग की जाती है। "ऐसी बड़ी जीतें लोगों को आशा देती हैं, जबकि सरकारी राजस्व भी मजबूत होता है," आर्थिक विश्लेषक डॉ. अर्चना रेड्डी ने कहा।
भविष्य की लॉट्री ड्रॉ और नियामक दिशा-निर्देश
अगला ड्रॉ, अर्थात् सुवर्णा केरला एसके-13, 25 जुलाई 2025 को उसी स्थान पर तय है। विभाग ने सभी विजेताओं को आधिकारिक केरल गवर्नमेंट गजेट में नंबर जांचने और 30 दिनों के भीतर टिकट सौंपने की सलाह दी है। चाहे आप एक बार लगाते हों या नहीं, लॉट्री नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि सत्यापित टिकट ही मान्य है, और किसी भी प्रकार की दोगलीय प्रक्रिया को सख्त सज़ा दी जाएगी।
इतिहास में केरल लॉट्री का स्थान
केरल लॉट्री का इतिहास 1967 से शुरू होता है, जब पहले क्रेडिट लॉट्री स्कीम लॉन्च हुई थी। तब से यह राज्य के सबसे भरोसेमंद सामाजिक वित्तीय उपकरणों में से एक बन गई। हर शुक्रवार को होने वाला लॉट्री ड्रॉ न केवल आर्थिक मदद देता है बल्कि सामाजिक एकजुटता भी बढ़ाता है। "लॉट्री ने कई परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की है," सामाजिक कार्यकर्ता ममता चंद्रा ने कहा।
सारांश: क्यों यह खबर महत्वपूर्ण है?
पहली बार जब एक ग्रामीण एजेंट अपने स्टॉल से ₹1 करोड़ जीतता है, तो यह दिखाता है कि केरल लॉट्री का प्रभाव सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। यह जीत न केवल विजेताओं के जीवन स्तर में सुधार लाती है, बल्कि राज्य की सामाजिक धनराशि में भी जोड़ देती है। इस प्रकार, लॉट्री का भविष्य, पारदर्शिता और नियामक सख्ती के साथ, राज्य की आर्थिक विकास योजना का अहम हिस्सा बना रहेगा।

Frequently Asked Questions
पहला पुरस्कार जीतने वाले को कौन सी राशि मिली?
विजेता को पूरे ₹1 करोड़ (10,000,000 रुपये) का प्रथम इनाम मिला, जो केरल स्टेट लॉट्री विभाग द्वारा निर्धारित है।
क्या विजेताओं को अपना टिकट तुरंत जमा करना पड़ता है?
नहीं, विजेताओं को आधिकारिक केरल गवर्नमेंट गजेट में नंबर जांचने के बाद 30 दिनों के भीतर अपने टिकट जमा करने की अनुमति है।
अगली लॉट्री ड्रॉ कब होगी?
अगली ड्रॉ, यानी सुवर्णा केरला एसके-13, 25 जुलाई 2025 को गोर्की भवन, बेकरी जंक्शन, पालयम, त्रिवेंद्रम में आयोजित होगी।
केरल लॉट्री के सामाजिक प्रभाव क्या हैं?
केरल लॉट्री सालाना लगभग ₹3,000 करोड़ राज्य को देती है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण योजनाओं में उपयोग होती है, जिससे कई गरीब परिवारों की जीवनस्थिति में सुधार आता है।
लॉट्री ड्रॉ में पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित की जाती है?
ड्रॉ को स्वतंत्र निरीक्षकों, कैमरों और सरकारी अधिकारियों की देखरेख में आयोजित किया जाता है, और सभी परिणाम आधिकारिक गजेट में प्रकाशित होते हैं, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
Aswin Yoga
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
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