
Dharma Productions ने Homebound के सिनेमैटोग्राफर से बनाई दूरी : यौन शोषण के आरोपों के बाद उठाया बड़ा कदम
Bollywood में एक बार फिर यौन शोषण को लेकर विवाद
Bollywood इंडस्ट्री में यौन शोषण के मामले आए दिन सुर्खियों में रहते हैं, और इस बार चर्चा में है Dharma Productions। करण जौहर की इस प्रोडक्शन कम्पनी ने मशहूर सिनेमैटोग्राफर प्रतीक शाह से दूरी बना ली है। प्रतीक शाह पर एक नहीं, कई महिलाओं ने यौन शोषण और भावनात्मक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। ये मामला तब तूल पकड़ा जब फिल्ममेकर अभिनव सिंह ने सोशल मीडिया पर खुलकर प्रतीक शाह का नाम लिया और बताया कि उन्हें बहुत सारी महिलाओं से इसी तरह की शिकायतें मिली हैं।
प्रतीक शाह का नाम बॉलीवुड के कई चर्चित प्रोजेक्ट्स से जुड़ा रहा है। उन्होंने विक्रमादित्य मोटवाने की सीरीज 'जुबिली' और नेटफ्लिक्स की 'CTRL' में काम किया है। हाल ही में शाह ने धर्मा प्रोडक्शन्स की फिल्म 'होमबाउंड' के लिए फ्रीलांस बेसिस पर कुछ समय तक काम किया था। मगर जैसे ही आरोप सामने आए, धर्मा ने शाह से दूरी बना ली और बयान जारी कर दिया।
धर्मा प्रोडक्शन्स का रुख और इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
धर्मा प्रोडक्शन्स ने अपने स्टेटमेंट में साफ किया कि कंपनी का यौन शोषण को लेकर रुख बेहद सख्त है। कम्पनी ने दावा किया कि प्रतीक शाह का धर्मा के साथ अनुबंध पहले ही खत्म हो चुका था, जब ये आरोप सामने आए। उनके आंतरिक POSH (Prevention of Sexual Harassment) कमेटी के पास शाह के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत नहीं पहुंची थी। धर्मा ने यही भी कहा कि वे इस तरह के मामलों को पूरी गंभीरता से लेते हैं, भले ही शिकायतें कम्पनी के अंदर आई हों या बाहर।
फिल्ममेकर सृष्टि रिया जैन ने भी पूरे मामले पर उंगली उठाई है। उन्होंने इंडस्ट्री की 'सेलेक्टिव आउटरेज' यानी चुनिंदा गुस्से पर सवाल किया है—ये वही इंडस्ट्री है जो कई बार 'एम्पैथेटिक' यानी संवेदनशील प्रोजेक्ट्स को प्रमोट करती है, लेकिन जब अपने ही सरकल में ऐसा कुछ होता है तो चुप्पी साध लेती है। प्रतीक शाह का इंस्टाग्राम अकाउंट इस बीच डिलीट हो चुका है और उन्होंने अब तक कोई सफाई या बयान नहीं दिया है।
शाह के मामले ने इंडस्ट्री में चल रहे #MeToo मूवमेंट की याद दिला दी है, जब कई बड़े नाम सामने आए थे। अभिनव सिंह ने भी अपील की है कि फ़िल्म जगत के लोग अपनी पोजीशन और पावर को सही दिशा में इस्तेमाल करें, ताकि ऐसे मामलों को दबाया न जा सके।
असल दिक्कत ये भी है कि बॉलीवुड में फ्रीलांसर्स के लिए कोई ठोस सपोर्ट सिस्टम अब तक नहीं बना है। ऐसे में जब बंद दरवाजों के पीछे शोषण होता है, तो ज्यादातर लोग बोलने से डरते हैं या उन्हें सच मायनों में सुनवाई नहीं मिलती। धर्मा ने भले खुद को अलग कर लिया, लेकिन इंडस्ट्री का असली चेहरा और बड़े सवाल अब भी बने हुए हैं—क्या आरोपों के बाद रिएक्शन ही काफी है या शुरुआत में ही सतर्कता की जरूरत है?

समीर चौधरी
मैं एक पत्रकार हूँ और भारत में दैनिक समाचारों के बारे में लेख लिखता हूँ। मेरा उद्देश्य समाज को जागरूक करना और सही जानकारी प्रदान करना है।
एक टिप्पणी लिखें