महिला शक्ति से विकसित भारत: आईडब्ल्यूडी 2025 के लिए घोषित थीम और #SheBuildsBharat अभियान

महिला शक्ति से विकसित भारत: आईडब्ल्यूडी 2025 के लिए घोषित थीम और #SheBuildsBharat अभियान

Aswin Yoga
नवंबर 20, 2025

आईडब्ल्यूडी 2025 के लिए भारत ने एक ऐतिहासिक थीम घोषित की है — ‘विकसित भारत with नारी शक्ति’। यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय प्रतिज्ञा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इसे आधिकारिक रूप से घोषित किया, जिसके साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने #SheBuildsBharat नाम का राष्ट्रव्यापी अभियान लॉन्च किया है। यह दिन, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025नई दिल्ली को नहीं, बल्कि भारत के हर कोने में बसी महिलाओं की आवाज़ों को सुनने का दिन होगा।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विश्व बैंक का संयुक्त जोर

इस बार का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बिल्कुल अलग है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विग्यान भवन में होने वाली राष्ट्रीय सलाहकार सभा में एक भाषण देने की घोषणा की है, जहां उनके साथ मंत्री अन्नपूर्णा देवी और राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर भी शामिल होंगे। लेकिन ट्विस्ट यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि मार्च 8 को कुछ चुनिंदा महिलाएं उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स चलाएंगी। यह अभियान सिर्फ एक ट्रेंड नहीं — यह एक असली शक्ति हस्तांतरण है। जिन महिलाओं ने नमो ऐप पर अपनी कहानियाँ साझा की हैं, उनकी आवाज़ें अब देश के सबसे बड़े नेता के प्लेटफॉर्म पर बजेंगी।

इसके साथ ही विश्व बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर एन्ना ब्जर्डे भी नई दिल्ली पहुँचेंगी। उनकी उपस्थिति ने इस घटना को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच बना दिया है। एक बार फिर, भारत ने सिर्फ नारे नहीं, बल्कि साक्षात कार्य को अपनाया है।

भारत का नया राष्ट्रीय नारा: ‘नारी निर्माण’ बनाम ‘नारी विकास’

पिछले दशकों में हमने ‘महिला विकास’ के शब्द का इस्तेमाल किया। लेकिन 2025 में, भारत ने एक नया शब्द अपनाया है — ‘नारी निर्माण’। यह बदलाव बहुत गहरा है। यह नहीं कहता कि ‘हम महिलाओं को विकसित करेंगे’, बल्कि यह कहता है — ‘महिलाएं ही भारत को निर्मित कर रही हैं’। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का विषय ‘विकसित भारत’ नहीं, बल्कि ‘नारी शक्ति से विकसित भारत’ है।

यही कारण है कि यह साल बीजिंग घोषणा के 30वें वर्षगांठ के रूप में भी मनाया जा रहा है। यूएन सचिव जनरल ने कहा — ‘जब महिलाओं और लड़कियों के लिए समान अवसरों के दरवाजे खुलते हैं, तो सब जीतते हैं।’ भारत ने इसी विचार को अपनाया है।

देश भर में छाए रंग, दौड़ और अभिनव उपक्रम

दिल्ली में, ‘फिट इंडिया पिंकी लियोन सीजन 2’ का शुभारंभ हुआ, जिसका थीम है — ‘ससक ताड़ी’। यह सिर्फ एक दौड़ नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है — जिसमें महिलाएं अपनी शक्ति का अहसास कर रही हैं। हैदराबाद में, ‘रन फॉर एक्शन 2025’ का आयोजन नेकलेस रोड पर हुआ, जहां हजारों महिलाएं एक साथ दौड़ीं। और मुंबई में, एक मेट्रो स्टेशन पूरी तरह से एक महिला टीम द्वारा संचालित हो रहा है। यह भारत के इतिहास में पहली बार है।

इन सब घटनाओं का एक सामान्य तत्व है — ये सिर्फ शोहरत के लिए नहीं, बल्कि असली बदलाव के लिए हैं। जिन महिलाओं ने अपने घरों से निकलकर एक मेट्रो स्टेशन चलाया, उन्होंने साबित कर दिया कि अवसर नहीं, बल्कि विश्वास ही अंतर लाता है।

फरवरी 13 और मार्च 8: दो अलग दिन, एक ही आवाज़

फरवरी 13 और मार्च 8: दो अलग दिन, एक ही आवाज़

भारत फरवरी 13 को सरोजिनी नायडू की जन्म जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाता है। ‘भारत की बुलबुल’ के रूप में जानी जाने वाली वह एक ऐसी नेता थीं जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं को सशक्त बनाया। लेकिन मार्च 8 का दिन कुछ और है। यह एक वैश्विक आंदोलन है, जो एक विशिष्ट व्यक्ति को नहीं, बल्कि सभी महिलाओं के योगदान को मान्यता देता है — चाहे वह एक गाँव की महिला हो जो पहली बार बैंक खाता खोल रही है, या एक वैज्ञानिक जो एक नई दवा बना रही है।

अगले कदम: आर्थिक सशक्तिकरण और न्याय की लड़ाई

इस बार के अभियान के तहत, सरकार ने तीन बड़े लक्ष्य रखे हैं: लिंग आधारित वेतन अंतर को समाप्त करना, देखभाल के कार्य का सम्मान करना, और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना। विश्व बैंक के साथ बनाए गए समझौते के तहत, भारत अगले तीन वर्षों में 50 लाख महिलाओं को वित्तीय समावेशन के लिए तैयार करेगा।

एक विशेषज्ञ ने कहा — ‘यह सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि एक नई नीति का आरंभ है। जब एक महिला बैंक खाता खोलती है, तो वह अपने घर के निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त करती है। और जब वह निर्णय लेती है, तो पूरा परिवार बदल जाता है।’

अब क्या होगा?

अब क्या होगा?

अगले साल, भारत की महिलाओं के लिए एक नया नियम लागू होगा: निजी क्षेत्र की कंपनियों को अपने बोर्ड में कम से कम 30% महिला प्रतिनिधित्व अनिवार्य करना होगा। यह नियम पहले से ही अपने आप में एक क्रांति है। और जब यह लागू होगा, तो भारत का अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

#SheBuildsBharat अभियान क्या है और इसमें कैसे शामिल हो सकते हैं?

#SheBuildsBharat एक राष्ट्रीय अभियान है जिसका उद्देश्य भारत की महिलाओं की सफलताओं को दर्शाना है। आप अपनी कहानी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट या NaMo App पर शेयर करके इसमें शामिल हो सकते हैं। चुनी गई 100 महिलाओं को मार्च 8 को प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय क्या कर रहा है वित्तीय सशक्तिकरण के लिए?

मंत्रालय विश्व बैंक के साथ मिलकर अगले तीन वर्षों में 50 लाख महिलाओं को बैंकिंग, बचत और ऋण तक पहुंच देने का लक्ष्य रखे हुए है। इसके लिए 15,000 ग्रामीण केंद्रों पर ‘महिला वित्तीय साक्षरता केंद्र’ खोले जाएंगे।

मेट्रो स्टेशन को महिला टीम द्वारा संचालित करना क्यों महत्वपूर्ण है?

मुंबई का यह स्टेशन भारत का पहला ऐसा स्टेशन है जहां सभी नौकरी — टिकट काउंटर, नियंत्रण कक्ष, सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया — सभी महिलाओं द्वारा की जा रही है। यह दर्शाता है कि लिंग भेदभाव नहीं, बल्कि क्षमता ही नियुक्ति का आधार होनी चाहिए।

‘नारी निर्माण’ का मतलब क्या है और यह ‘नारी विकास’ से कैसे अलग है?

‘नारी विकास’ में महिलाओं को सहायता देने का भाव होता है, जबकि ‘नारी निर्माण’ में महिलाओं को देश के निर्माण का मुख्य घटक माना जाता है। यह बदलाव सोच का है — अब महिलाएं अनुदान के प्राप्तकर्ता नहीं, बल्कि निर्माणकर्ता हैं।

2025 के लिए भारत के लिंग समानता लक्ष्य क्या हैं?

भारत ने 2025 तक लिंग वेतन अंतर को 20% तक कम करने, STEM क्षेत्र में महिला उपस्थिति को 40% तक बढ़ाने, और राज्य विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधित्व को 35% तक लाने का लक्ष्य रखा है। इनमें से पहला लक्ष्य पहले ही 2024 में 18% कमी के साथ आधा रास्ता तय कर चुका है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और राष्ट्रीय महिला दिवस में क्या अंतर है?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) वैश्विक स्तर पर महिलाओं के अधिकारों और उपलब्धियों का जश्न मनाता है, जबकि राष्ट्रीय महिला दिवस (13 फरवरी) सरोजिनी नायडू की जन्म जयंती को समर्पित है। पहला एक विश्व आंदोलन है, दूसरा एक राष्ट्रीय यादगार है।